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Pradosh Kaal Ka Samay Kya Hota Hai: नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप सभी उम्मीद करता हूं कि आप सभी बढ़िया होंगे दोस्तों यदि आप एक महिला है तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है यदि आप अपने वैवाहिक जीवन को सुख और समृद्धि से भरना चाहती है तो आपको प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए दोस्तों आज हम आपको बताएंगे कि भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए महिलाओं द्वारा प्रदोष व्रत किया जाता है जो विशेष मुहूर्त के साथ-साथ किया जाता है।
यदि आप प्रदोष व्रत को एक विशेष मुहूर्त के साथ करेंगे तो आपका व्रत अवश्य ही संपन्न होगा हम आपको बता दे विशेष मुहूर्त के साथ किए गए प्रदोष व्रत को ही प्रदोष काल कहा जाता है इस मुहूर्त के अंदर यदि आप अपना व्रत करती है तो आपका व्रत जरूर संपन्न होगा एवं आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी वही हम आपको बता दे प्रदोष कल्याणी शाम के समय शिव शंभू की पूजा करने से आपके वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि एवं संपदा का आगमन होता है।
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि किस समय यह हमें प्रदोष व्रत करना चाहिए और क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए तथा किस-किस प्रकार की वस्तुओं का हमें उपयोग करना चाहिए तो आप पूरी जानकारी के लिए आपके लेख को अंत तक पढ़ना है।
प्रदोष काल का समय क्या होता है और कब तक (Pradosh Kaal Ka Samay Kya Hota Hai)
सभी महिलाओं को हम आपको बता दें कि शिव पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन ही प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती बहुत ही अधिक प्रश्न मुद्रा में रहते हैं इस दौरान हम शिवलिंग का अभिषेक करने से हमेशा सुख एवं समृद्धि का वरदान प्राप्त करते हैं और मनचाहा जीवनसाथी पाने की इच्छा भी पूरी होती है और वही विवाह में आ रही सभी प्रकार की रूकावटों का निवारण होता है।
प्रदोष काल दिन के अंत और रात की शुरुआत के बीच का बहुत ही अच्छा समय होता है सूर्यास्त के 45 मिनट पूर्व से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक के समय को यहां पर प्रदोष काल कहा जाता है।
और सभी को जानकर बहुत ही अच्छा लगेगा कि इस समय के अंदर यदि आप भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपको इसका कई गुना अधिक फलदाई लाभ मिलेगा इस पूजा का महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब यह त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत के दिन की जाती है।
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रदोष काल के बारे में हमारे भारतीय संस्कृति में कई सारी मान्यताएं बनी हुई है कहा जाता है कि इस कल के अंदर ही भगवान शिव ने विश किया था और वेद महादेव नीलकंठ कहलाने लगे और लोगों का मानना है कि प्रदोष काल के बारे में ही यह भी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव कैलाश पर्वत के ऊपर प्रश्न मुद्रा के अंदर नृत्य करते हैं।
जानिए प्रदोष काल में क्या किया जाता है?
प्रदोष काल के अंदर बाबा महादेव भोलेनाथ शंकर की पूजा अर्चना की जाती है और प्रदोष काल में सूर्यास्त के पश्चात रात्रि के आने से पूर्व का समय बहुत ही अच्छा होता है कृपया आप सभी इस समय के अंदर ही भगवान शिव की पूजा एवं अर्चना करें।
जानिए प्रदोष काल का महत्व: Pradosh Kaal Ka Mahtav
प्रदोष काल के अंदर भगवान शिव की आराधना का बहुत ही अच्छा समय माना जाता है यह कल भगवान शिव को बहुत ही अत्यंत प्रिय होता है एवं इस काल में की गई सभी पूजा अर्चना भगवान शिव को लगती है और इस दौरान उनकी पूजा करने से आध्यात्मिक और धार्मिक प्रगति प्राप्त होती है सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव शंकर और पार्वती माता की विशेष कृपा आप पर बनी रहती है।
यहां देखें प्रदोष व्रत के लाभ : Pradosh Vrat Ke Labh
जिस प्रकार सभी प्रकार की वास्तु वस्तुएं एवं आदि का महत्व होता है ठीक उसी प्रकार यहां पर भी प्रदोष व्रत का बहुत अच्छा लाभ होता है हम यहां पर प्रदोष व्रत करने के कुछ लाभ बता रहे हैं आप इन्हें ध्यान पूर्वक देखें और आज से ही प्रदोष व्रत या प्रदोष समय के अंतर्गत अपनी पूजा आरंभ करें।
- प्रदोष व्रत करने से भक्त का स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है। तनाव से मुक्ति मिलती है। बिगड़े काम बन जाते हैं. घर-परिवार में सुख-शांति और धन-संपदा में वृद्धि होती है।
- जो भक्त निःसंतान हैं। इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करने से उन्हें जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है।
- जो लोग शत्रुओं से परेशान रहते हैं। उन्हें प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से शत्रु परास्त होते हैं।
- जिनकी कुंडली में कोई ग्रह दोष हो। उन्हें भी यह उत्तम व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं।
FAQs For Pradosh Kaal Ka Samay
प्रदोष काल का समय क्या होता है?
प्रदोष काल सूर्यास्त के 45 मिनट पूर्व से लेकर सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय है।
Conclusion: प्रदोष काल का समय क्या होता है और कब तक होता है : Pradosh Kaal Ka Samay Kya Hota Hai
प्रिय भक्तों में उम्मीद करता हूं कि आपको यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी होगी क्योंकि आज के लेख के अंदर हमने आपको बताया है कि प्रदोष काल का समय क्या होता है और कब तक होता है : Pradosh Kaal Ka Samay Kya Hota Hai तो प्रिय भक्तों आप सभी प्रदोष काल के अंतर्गत ही अपने व्रत को समापन करें एवं अपनी भक्ति आरंभ करें जिससे आपके घर की सभी समस्याओं का निवारण होगा
आपके घर में भी सुख समृद्धि की लहर दौड़ जाएगी उम्मीद करता हूं कि आप सभी को यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी होगी यदि आप इसी प्रकार रोजाना जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप या फिर टेलीग्राम ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं धन्यवाद।